जिलाधिकारी सीतामढ़ी मनेश कुमार मीणा के द्वारा जिला अंतर्गत संभावित बाढ़ /सुखाड़ के आलोक में जिला आपदा प्रबंधन के कार्य एवं इस संबंध में की गई तैयारियों की अद्धतन स्थिति की समीक्षा विमर्श सभागार में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ आहूत की गई ♥️
बैठक में प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन के द्वारा विभाग वार एजेंडा प्रस्तुत किया गया। समीक्षात्मक बैठक में मुख्य रूप से संभावित बाढ़ में आपदा प्रबंधन के तहत s.o.p. (मानक संचालन प्रक्रिया) अंतर्गत की जाने वाली तैयारियों यथा :-राहत शिविर, प्लास्टिक शीट ,खाद सामग्री, मानव दवा,आश्रय स्थल ,पशु चारा एवं दवा, बाढ़ नियंत्रण ,फ्लड फाइटिंग,प्रशिक्षित गोताखोर, वर्षा मापक यंत्र तटबन्धों की सुरक्षा ,लाइफ जैकेट, सामुदायिक रसोई मोटर बोट, शुद्ध पेयजल महाजाल, राहत और बचाव दलों की उपलब्धता, आकस्मिक कृषि प्लान आदि पर विमर्श किया गया एवं इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्दश दिए गए।संभावित बाढ़ सुखाड़ के मद्देनजर विभिन्न विभागों द्वारा आवंटित किए गए कार्यों का निष्पादन कर्तव्य निष्ठा एवं समय सीमा के अंदर करने का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया।

समीक्षा के क्रम में प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि जिले में जिला स्तर पर पॉलिथीन सीट 40230 एवं अंचल स्तर पर 20320 पॉलिथीन सीट उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने पॉलिथीन सीट्स भंडारण का निरीक्षण कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया।
बाढ़ के समय में जीआर वितरण से संबंधित संपूर्ति पोर्टल पर लाभुकों की संख्या अद्धतन करने का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया। उन्होंने सभी सीओ को निर्देशित किया कि संपूर्ति पोर्टल पर डेटा को अद्यतन कर लें ।उसे डेली अपडेट करना सुनिश्चित करें।
बैठक में अग्निकांड सहित विभिन्न आपदा से हुई क्षति यथा;- मकान,वस्त्र ,अनाज फसल क्षति ,ठनका से हुई क्षति पशु क्षति इत्यादि के समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि आपदा से हुई क्षति का नियमानुसार भुगतान करने में कोताही न बरती जाए ।24 घंटे के अंदर उक्त मामलों का निष्पादन करना सुनिश्चित करें ।बकाया का शीघ्र भुगतान करें ।यदि स- समय शीघ्र भुगतान नहीं होता है तो सबंधित सीओ का वेतन अवरुद्ध रखे। नाव एवं नाविकों का पुराना बकाया भुगतान किसी भी सूरत में लंबित नहीं रहना चाहिए। निजी नाव के साथ इकरारनामा ,नावों की मरम्मती शीघ्र करने का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक टोले में नाव की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। बाढ़ प्रभावित पंचायतों में विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता है। नाव की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के मद्देनजर सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ बैठक करना सुनिश्चित करें और उनका सहयोग ले। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आपदा के मामलों में किसी भी तरह का भुगतान लंबित न रहे। यह सुनिश्चित किया जाए कि नाव /नाविकों को शीघ्र संबंधित घाटों के साथ टैग करना सुनिश्चित करें एवं उनके सुपरविजन करने के लिए हल्का कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित किया जाए ।बैठक में इसके अतिरिक्त ओलावृष्टि,आकस्मिक फसल योजना, पशु दवा, सर्पदंश से संबंधित दवा, मानव दवा ,चिकित्सीय व्यवस्था की उपलब्धता, तटबन्धों पर संवेदनशील स्थलों की शीघ्र मरम्मती करना और संभावित बाढ़ के समय ब्लड फाइटिंग के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। बैठक में इसके अतिरिक्त नलकूप विभाग की भी समीक्षा की गई जिसमें बताया गया कि 203 नलकूप चालू अवस्था में है। कुछ नलकूप यांत्रिक दोष एवं विद्युत दोष के कारण चालू नहीं हो सके हैं। बैठक में इसके अतिरिक्त चापा कलों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की गई। खराब पड़े चापाकलो को दुरस्त करने का सख्त निर्देश दिया गया। बैठक में शहर के नालों की स्थिति की जांच हेतु जिला स्तरीय जांच दल गठित करने का निर्देश दिया गया है। नगर आयुक्त को निर्देशित किया गया कि बरसात से पहले जलजमाव से निपटने की को लेकर अभी से ही प्लानिंग बना कर उसे अमलीजामा पहनाना सुनिश्चित किया जाए।पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता पीएचईडी के द्वारा बताया गया कि 1952 चापाकल चालू अवस्था में है जबकि 34 टीमें काम कर रही है। जिलाधिकारी ने चालू चापाकल की अद्यतन स्थिति की जानकारी की जांच करने का निर्देश जिला स्तर के पदाधिकारियों को दिया है। सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि जिन वार्डों में नल जल की समस्या है वहां 24 घंटे के अंदर समस्या को दूर करें। ऐसा करने में विफल होते हैं तो बीपीआरओ पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में डीडीसी सुश्री प्रीति, जिला भू अर्जन पदाधिकारी विकास कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी रविंद्र नाथ गुप्ता ,जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह,सिविल सर्जन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे एवं सभी बीडीओ सीओ,एसडीओ वीसी के माध्यम से जुड़े हुए थे।