Sunday, March 19, 2023
Google search engine
HomeArticlesसर्पदंश से बचाव और उपचार!

सर्पदंश से बचाव और उपचार!

सर्पदंश की घटनाएं अब सीतामढ़ी के अखबारों की सुर्खियां बनने लगी हैं. क्योंकि अब उनका प्रणय काल करीब है. गर्मी भी बढ़ रही हैं. सापों की गतिविधियाँ भी बढ़ रही हैं। इसलिए इनसे सावधान रहने की जरुरत है. भारत में जहरीले सांपो की एक बड़ी चौकड़ी है करैत (Krait),कोबरा (Cobra), रसेल वाईपर (Russell Viper) और सा स्केल्ड वाईपर (Saw Scaled Viper). मगर सीतामढ़ी में ज्यादातर  कोबरा और करैत ही मिलते हैं. 

Snake vs Man
सांपों से बचाव के लिए

यदि आप गावों में रहते हैं तो टॉर्च या पर्याप्त रोशनी के साथ ही बाहर जाएँ. बरसात में ख़ास तौर पर. पैरों को गम बूट ज्यादा सुरक्षा देते हैं मगर यदि आपके पास गम बूट नही है तो ऐसा जूता पहनें जो पैर को ऊपर तक अच्छी तरह ढक सके. साथ में एक डंडा और गमछा भी रखें. सापों का प्रणय- प्रजनन काल करीब है-ख़ास तौर पर नाग-कोबरा का.

कोबरा एक आक्रामक साँप है. यह अपनी टेरिटरी बना कर रहता है यानी एक ऐसा क्षेत्र जिसमें किसी को भी आने पर इसे नागवार लगता है. यदि प्रणय काल में कोई इस क्षेत्र से गुजरता है तो यह आक्रमण कर सकता है. इस पर पैर पड़ जाय तो यह काट ही लेगा.

क्या करिए अगर नागराज सहसा सामने आ जाएं?
अगर किसी की अचानक नाग से भेट हो जाय तो वह अपना गमछा या कोई भी कपडा तुरत-फुरत निकाली हुयी शर्ट या गंजी उस पर फेक दें. यह आदतन उससे उलझ लेगा और वह रफू चक्कर हो सकता है. कोबरा को लाठी से मारना ज़रा अभ्यास का काम है. लाठी तभी इस्तेमाल में लायें जब मरता क्या न करता की पोजीशन हो जाय. क्योंकि ऐसा देखा गया है कि निशाना यदि उसके मर्म स्थल [फन और इर्दगिर्द का हिस्सा] पर नही पडा और आदतन लाठी मारने वाले ने लाठी ऊपर उठायी तो वह उसके शरीर पर आ गिरेगा. और फिर वह क्रोध में काटेगा और विष भी ज्यादा निकालेगा.
विष भरे दंत:
करैत – Krait Snake
विषैले सापों में दो विषदंत आगे ही ऊपर के जबड़े में होता है और 2 विष की थैली इसी से दोनों और जुडी रहती हैं. खुदा न खास्ता साँप काट ही ले, तो धैर्य रखें, घबरा कर दौड़ न लगायें, इससे तो विष रक्त परिवहन के साथ जल्दी ही पूरे शरीर में फैल जायेगा. रूमाल, गमछा से जहाँ दंश का निशान है उसके ऊपर के एक हड्डी वाले भाग यानी पैर में काटा है तो जांघ में और हाथ में काटा है तो कुहनी के ऊपर बाँध दे, बहुत कसा हुआ नही. पुकार कर किसी को बुलाएं या धीरे धीरे मदद के लिए आसपास पहुंचे और तुंरत एंटीवेनम सूई के लिए पी एच सी पर या जिला अस्पताल पर पहुंचे.
कैसे पहचाने कि जहरीले सांप ने काटा है?

कोबरा के काट लेने के लक्षण क्या हैं- काटा हुआ स्थान पन्द्रह मिनट के भीतर सूजने लगता है. यह कोबरा के काटे जाने का सबसे प्रमुख पहचान है. ध्यान से देखें तो दो मोटी सूई के धसने से बने निशान-विषदंत के निशान दिखेंगे. प्राथमिक उपचार में नयी ब्लेड से धन के निशान का चीरा सूई के धसने वाले दोनों निशान पर लगा कर दबा दबा कर खून निकालें और किसी के मुहँ में यदि छाला घाव आदि न हो तो वह खून चूस कर उगल भी सकता है.

विष का असर केवल खून में जाने पर ही होता है यदि किसी के मुंह में छाला, पेट में अल्सर आदि न हो तो वह सर्पविष बिना नुकसान के पचा भी सकता है. करैत जयादा खतरनाक है मगर इसके लक्षण बहुत उभर कर सामने नही आते यद्यपि थोड़ी सूजन इसमें भी होती है. करैत और कोबरा दोनों के विष स्नायुतंत्र पर घातक प्रभाव डालते हैं.

कौन ज्यादा खतरनाक? कोबरा या करैत ?

कोबरा का 12 माईक्रो ग्राम आदमी को मार सकता है मगर वह एक भरपूर दंश में 320 माईक्रोग्राम विष तक मनुष्य के शरीर में उतार सकता है. मगर प्रायः लोग पावों को तेज झटक देते हैं तो पूरा विष शरीर में नही आ पाता. इसलिए कोबरा का काटा आदमी 5-6 घंटे तक अमूमन नही मरता. और यह समय पर्याप्त है एंटीवेनम चिकित्सा के उपलब्ध होने के लिए.करैत सुस्त साँप है मगर इसका 6 माइक्रोग्राम ही मौत की नीद सुला सकता है. यानी कोबरा के जहर की केवल आधी ही मात्रा.

सर्पदंश के इलाज में सीतामढ़ी में कोई व्यवस्था उपलब्ध नही है, यह विडम्बना है की यहाँ के प्रशासन को इसकी कोई भनक भी नही है. नजदीकी अस्पतालों  में देखा जाए तो मुजफ्फरपुर के प्रशांत अस्पताल से पहले कोई सर्पदंश का इलाज नही कर रहा है.
RELATED ARTICLES

4 COMMENTS

  1. Intra muscular recommended nahi hai, 50% are dry bite, and yes its causes severe reactions seen a lot so thoda edit kar lijiye

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

Anand Kumar Upadhyay on श्रमिक स्पेशल
ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव on जिला स्तरीय पोषण मेला कल से शुभारम्भ ।
Navnita Singh on School of my dreams.
Bibhuti Rajput on School of my dreams.
Ramjapu kumar on जिन्दगी
navnita on रिश्ते
Atish Ranjan on एक कप चाय
राम सिंघानियाँ on एक सीतामढ़ी और भी है!
Shrishyam Sharma on “कर्कशा”
रामजपु कुमार एडमिन anhari dham facebook on सीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.
रामजपु कुमार एडमिन anhari dham facebook on सीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.
Shrishyam Sharma on बाल मज़दूरी
हृषिकेश कुमार चौधरी on एक सीतामढ़ी और भी है!
Shrishyam Sharma on How was Sitamarhi.org Launched?