Tuesday, March 28, 2023
Google search engine
HomeArticlesसीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.

सीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.

सीतामढ़ी पुनौरा धाम से ५ किलोमीटर दक्षिण  पश्चिम में स्थित है राघोपुर बखरी गाँव. तकरीबन ३०००  लोगों की जनसँख्या वाले इस छोटे से गाँव को सीतामढ़ी में बहुत कम लोग जानते हैं ।

तो आइये आपको  सीतामढ़ी के सबसे पुराने मंदिर की सैर कराते हैं।

तकरीबन १५०० ई. में बना था राघोपुर बखरी का राम जानकी मंदिर। मंदिर की चारदीवारी तकरीबन २० फीट ऊँची थी और मंदिर का भाग तकरीबन एक बीघे में फैला था। मंदिर को किसने बनवाया इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को भी नही है, मगर किंवदंती  के अनुसार यहाँ 9 पीढ़ी से  महंथ इसकी  देख रेख कर रहे हैं, औसतन एक महंथ ५०-६० वर्ष तक मंदिर की देख रेख करते हैंजो की मुग़ल कालीन सभी बंगाली मंदिरों में सामान्य है।जिससे अनुमान लगाया जा सकता है की इस मंदिर की उम्र तकरीबन ५०० साल या इससे अधिक है। स्थानीय लोगों का कहना है की मदिर के पास एक जमाने में १३०० बीघा जमीन हुआ करती थीजो की मुग़ल कालीन सभी बंगाली मंदिरों में सामान्य है।

वास्तुकला: इस मंदिर में पूर्वी भारत के तकरीबन2000 से ३००० वर्ष पुराने “टेराकोटा ब्रिक बंगाली आर्किटेक्चर” की झलक देखी जा सकती हैजो की मुग़ल कालीन सभी बंगाली मंदिरों में सामान्य है।

20160725_163838
मंदिर की पूर्ण तस्वीर।

जिसमे सबसे प्राथमिक दो रेखा डुल हैं,जो की मुग़ल कालीन सभी बंगाली मंदिरों में आम तौर पर देखे जाते हैं ।

?
रेखा दुल।

सीतामढ़ी में इससे मिलते जुलते दो मंदिर और है, अन्हारी धाम और दमामी मठ. मंदिर का प्रवेश किलानुमा है, जो दो मंजिला है. प्रथम तल पर जाने के लिए सीढ़ी अब उपलब्ध नहीं है।

?
प्रवेश द्वार, भीतरी भाग।

इसके छत और दीवारों  का निर्माण ईंट और सुर्खी से किआ गया है।

?
ईंट और सुर्खी से बना छत।

छतों में नील रंग का प्रयोग किआ गया है, जो इसे बेहद  खुबसूरत बना देता है।

?
नील रंग की छत

मंदिर का मुख्यआकर्षण गर्भगृह के प्रवेश के बायीं ओर लगा विशाल घंटा है,जिसकी शोभा देखते ही बनती है । घंटे का वजन तकरीबन ४०० किलो है ।इसकी धातु दमामी मठ, नौलखा मंदिर , जनकपुर से मिलती जुलती है, जिसे अभी तक वैज्ञानिक पता नही लगा पाए हैं. इस घंटा में जंग का कोई निशान नही है।इसकी संरचना सम्मोहित करती है। घंटे के  नीचे चरण पादुका स्थित है जिसपर श्री चतुर भुजाय  नमः अंकित है।

?
विशाल घंटा
?
चरण पादुका

 

प्रवेश द्वार.
प्रवेश द्वार
?
आतंरिक प्रवेश द्वार पर द्वारपाल के रूप में बाघ.

 

 

?
शंतिनेकतन.

वर्तमान स्थिति: समय की मार सहते हुए इस मंदिर का इतने वर्षों तक खड़ा रहना इस बात का प्रमाण है की इस की नीव काफी मजबूत होगी । यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत  नमूना होते हुए भी उपेक्षा का शिकार है. ये उन लोगों के ऊपर भी एक करारा तमाचा है, जो कहते हैं की सीतामढ़ी में ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की  जगहें उपलब्ध नही हैं. उचित रख रखाव  के अभाव में इस मंदिर की संरचना चरमरा गयी है.बेतरतीब उगते पेड़ पौधों ने इस मंदिर को खंडहर का रूप दे दिया है। अगर शीघ्र ध्यान नही दिया गया तो इस मंदिर की सिर्फ स्मृति ही शेष रह जायेगी।

?
मंदिर के प्रांगण में उगे पेड़
?
जैसलमेर पत्थर से बने स्तम्भ
?
प्रवेश द्वार पर नाम पट्टिका

इस मंदिर की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए हम स्थानीय प्रशासन एवं पर्यटन विभाग से आग्रह करते हैं की जिले की इस धरोहर की अविलम्ब रक्षा की जाय और इस मंदिर को पर्यटन स्थल बनाया जाय ।

नोट : सभी तसवीरें -माधव सिंह भारद्वाज

RELATED ARTICLES

13 COMMENTS

  1. प्रासासन एवं जन प्रतनीधि के साथ साथ आप जनता को भी ध्यान देना होगा क्युकि मंदीर के बाहरी हिसा आम लोग अधिग्रहन चुके है

    • प्रासासन एवं जन प्रतनीधि के साथ साथ आम जनता को भी ध्यान देना होगा क्युकि मंदीर के बाहरी हिसा आम लोग अधिग्रहन चुके है

  2. सीतामढ़ी के प्राचीन धरोहर को अक्षुण्ण रखने के लिए समवेत प्रयास की जरूरत है।
    जानकारी देने के लिये धन्यवाद

  3. Its really amazing ..plz post more post about historical temple & places of sitamarhi..and feeling very bad that our administration does not take intrest to save our historical places and temple..

  4. जी हां ये मंदिर बहुत ही पुरानी है
    ऐतिहासिक धरोहर है ईसकी देखभाल की जरूरत है नही तो धीरे धीरे यह नष्ट हो जायेगी

  5. सबसे पहले भरद्वाज जी को धन्यवाद की हमें अपने इतिहास से अवगत कराया सही में इसकी देखभाल होना चाहिए इसका समर्थन करते हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

Anand Kumar Upadhyay on श्रमिक स्पेशल
ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव on जिला स्तरीय पोषण मेला कल से शुभारम्भ ।
Navnita Singh on School of my dreams.
Bibhuti Rajput on School of my dreams.
Ramjapu kumar on जिन्दगी
navnita on रिश्ते
Atish Ranjan on एक कप चाय
राम सिंघानियाँ on एक सीतामढ़ी और भी है!
Shrishyam Sharma on “कर्कशा”
रामजपु कुमार एडमिन anhari dham facebook on सीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.
रामजपु कुमार एडमिन anhari dham facebook on सीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.
Shrishyam Sharma on बाल मज़दूरी
हृषिकेश कुमार चौधरी on एक सीतामढ़ी और भी है!
Shrishyam Sharma on How was Sitamarhi.org Launched?