‘ख़ास’ से ‘आम’ बन गयी रितु जायसवाल, ‘आम’ से ‘ख़ास’ बन गया सिंहवाहिनी पंचायत.
देश के ऊँचे पद , केंद्रीय सतर्कता आयोग के निदेशक श्री अरुण कुमार जी की पत्नी है रितु जायसवाल . उच्च शिक्षित शहरी महिला तमाम शहरी सुख सुविधा छोड़ कर एक सुदूर पिछड़ा गाँव आ जाती है, सिर्फ विकास की खातिर. उस गाँव में , जहाँ न सड़के हैं , न बिजली, न मोबाइल टावर, न शिक्षा की ठोस व्यवस्था. उस गाँव में जहाँ आने जाने के लिए, कीचड़ से भड़े सड़क और जल जमाव को पार करते हुए २ किमी पैदल जाना पड़ता है. कल्पना कीजिये उस गाँव का , जहाँ आपको मोबाइल से बात करने के लिए गाँव से १ किमी दूर, खेत खलिहान में पोखर के पास किसी ऊँचे टीले पर जाना पड़ता है, ताकि मोबाइल का सिग्नल पकड़ सके. उस गाँव में , जहाँ पहली बार बिजली के बल्ब जलने पर महिलाएं फूंक मार कर बुझाने का प्रयास करती है. उस गाँव में जहाँ कोई गरीब लड़की मुश्किल से दशमी तक की शिक्षा प्राप्त कर पाती है. ऐसे ही सुदूर पिछड़ा गाँव का तकदीर बदलने के लिए श्रीमती रितु जायसवाल , सीधा दिल्ली से सीतामढ़ी के सोनबरसा ब्लाक के सिंहवाहिनी पंचायत में अपने गाँव खुट्हाँ नरकटिया आ जाती है, सिर्फ विकास की खातिर.

रितु जायसवाल कहती है, सिंहवाहिनी पंचायत का रुख करना एक कठिन फैसला था. लकिन शादी के 17 साल बाद पहली बार जब गाँव आई तो गाँव की जर्जर हालत देख कर इस कदर व्यथित हुयी की पंचायत की तकदीर बदलने की ठान ली. पारिवारिक सहमति के बाद अपने दोनों छोटे बच्चे, आर्यन और अवनि को एक रेजिडेंशियल स्कूल में दाखिला करा कर पंचायत का रुख कर गयी.

शपथ ग्रहण के अगले ही दिन, बिना सरकारी फण्ड का इंतज़ार किये, अपने निजी पैसे से , श्रमदान से, गाँव के जर्जर सड़क का निर्माण शुरू किआ, ताकि बरसात में चलने लायक बनाया जा सके, ईंट सोलिंग करा कर सड़कों को दुरुस्त किया. वर्तमान में पंचायत के गली गली में मिटटी भराई और सीमेंट ढलाई कर सड़कों को बारहमासी बनाया जा रहा है.निर्माण कार्य जोर से चल रहा है।
सीतामढ़ी फेसबुक के माध्यम से हमने इस नयी शुरुआत को समर्थन किया, हमारी उम्मीद से कहीं आगे बढ़कर उन्होंने काम कर के दिखाया. हमने सभी काम को, बैठक को, विचार को , कार्यक्रम को अपने पेज के माध्यम से जन जन तक पहुँचाया. मुखिया रितु जायसवाल ने सहर्ष स्वीकार करते हुए हमारी टीम को दिल से आभार प्रकट किया.
अगला कदम पूरे पंचयत को खुले से शौचमुक्त करने का और स्वच्छ और निर्मल पंचायत बनाने का था , इस अभियान को हकीकत रूप देने के लिए सीतामढ़ी जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन, अन्य पदाधिकारी खुद गाँव पहुँच कर कार्यकर्म की शुरुआत करते हैं. साइकिल रैली , नुक्कड़ नाटक और व्यापक जागरुकता अभियान चलाया जाता है. धीरे धीरे सभी लोग शौचालय निर्माण प्रारंभ करते हैं. वर्तमान में सिंहवाहिनी पंचायत निर्मल हो चूका है. इसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
उनके प्रयास से आजादी के 75 साल बाद पंचायत के खुट्हाँ गाँव में बिजली आती है, ट्रांसफार्मर लगने और बल्ब जलने से पूरे गाँव में ख़ुशी दौडती है. इसका उद्घाटन गाँव के सबसे बुजुर्ग महिला, जिसने सबसे ज्यादा अँधेरा देखा है , उससे कराया जाता है. अगला कदम सम्पूर्ण पंचयत को बिजली से रौशन करने का है. हमारी टीम ने सिंहवाहिनी पंचायत के ग्राउंड रिपोर्ट में पाया की जगह जगह नए ट्रांसफार्मर , बिजली के पोल और तार हकीकत बयां कर रहे थे.
पंचायत के लोगों के सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार के कैंप का आयोजन गाँव में किया जाता है, जिसमे मेडिकल कैंप, रसोई गैस का कनेक्शन कैंप, आधार कार्ड और वोटर कार्ड कैंप लगाये जाते हैं . उससे सम्बंधित अधिकारी और कर्मचारी भी उपलब्ध होते हैं. मनरेगा पर विशेष ध्यान देते हुए , ताकि लोगों को स्वरोजगार मिल सके, इसके तहत गाँव में जगह जगह मिटटी भराई के अलावा आगे बकरी पालन , मुर्गी पालन , मछली पालन के सुचारू व्यवस्था के लिए अधिकारिओं से संपर्क किया जा रहा है.
इनके कार्यों से प्रभावित होकर भारतीय छात्र संसद द्वारा हाल ही में “उच्च शिक्षित युवा मुखिया” पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राष्ट्रीय पुरष्कार पाने वाली रितु जायसवाल बिहार की पहली महिला मुखिया है. भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा चुनिन्दा मुखिया के सम्मलेन में इन्हें आमंत्रित किआ गया.
सोशल मीडिया के अलावा प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने इनके काम को सराहते हुए भरपूर कवरेज दिया.
हाल ही में सोनबरसा ब्लाक के भुतही गाँव में चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी के अवसर में इनके द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे सीतामढ़ी जिलाधिकारी , पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री संजय पासवान और कई हस्ती और सीतामढ़ी शिवहर के सम्पूर्ण मुखिया उपस्थिति थे.
आधुनिक काल के गांधी, श्री अन्ना हजारे से मिलना और रालेगन सिद्धि गाँव को नजदीक से देखना,समझना इनके पंचायत को आदर्श बनाने के प्रति समर्पण को दर्शाता है. उन्होंने हिब्रे बाज़ार के सरपंच पोपटराव पवार से भी मुलाक़ात कर कृषि प्रधान पंचायत के उन्नति के गुण सीखे.
अपने निजी कोष से ही पंचायत के बच्चों केलिए ट्यूशन सेंटर भी चला रही हैं ,8-10 शिक्षक के अलावा मुखिया रितु जायसवाल खुद भी क्लास लेती है. उनके प्रयास से गाँव में गरीब बच्चों के लिए प्रख्यात समाजसेवी संदीप देसाई के सहयोग से अंग्रेजी माध्यम का एक स्कूल सिंहवाहिनी पंचायत में खोला जाना है, इस प्रकार का यह बिहार में पहले विद्यालय होगा जिसके लिए मुखिया ने खुद अपनी ज़मीन दान की . विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से ग्रामीण महिलाओं को सिलाई , कढाई, ब्यूटी टिप्स, कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान इत्यादि उपलब्ध कराया जाता है.
पेड़ पौधों की एक नर्सरी खोल कर तथा बोन्साई नस्ल के पौधे उगा कर, उनके बिक्री से होने वाले आय को गाँव के बच्चों के शिक्षा पर खर्च करने की भी भविष्य की योजना है.
एक कुशल प्रशाशक , बेहतर रणनीति और प्लानिंग के साथ पंचायत का हर कार्य करती है. कुछ लोगों की एक टीम है, जो लोगों में विभिन्न प्रकार के जागरूकता फैलाने, और हर कार्यक्रम को बेहतर और सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेवार है.
गाँव में चौतरफा विकास के लिए, सरकार के विभिन्न विभागों से संपर्क स्थापित करना, उच्च अधिकारी के साथ बैठक आयोजित कर पंचायत विकास के लिए अपने रणनीति को और अधिक कारगर कैसे बनाया जाए इसपर विचार विमर्श करती है.




होली, दिवाली, छठ पूजा, या गाँव के किसी भी पारंपरिक पर्व त्यौहार में बढ़ चढ़ के हिस्सा लेने वाली मुखिया रितु जायसवाल सेल्फी की भी शौक़ीन है. सीतामढ़ी डॉट ओर्ग और सीतामढ़ी फेसबुक पेज रितु जायसवाल के उज्जवल भविष्य की कामना करता है, हार्दिक शुभकामनाएं.
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I salute of ritu jaisawal
बहुत-बहुत बधाई
बहुत-बहुत बधाई हो आपको आपके जैसा महिला मुखिया कभी नहीं देखा था नहीं सुना था मैंने