#नगर_निगम #सीतामढ़ी <3
जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी के लिए बड़ी खबर। हर सीतामढ़ी वासी के लिए सुकून की खबर । आज सीतामढ़ी को नगर निगम का दर्जा मिल गया । नगर निगम का दर्जा मिलने से अब सीतामढ़ी का भरपूर विकास होगा ।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में आज इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गयी । अब डुमरा नगर पंचायत और आस पास के 17 मौजे के क्षेत्र को मिलाकर सीतामढ़ी नगर निगम बनाया जाएगा ।
ज्ञात हो कि सीतामढ़ी के तत्कालीन जिला पदाधिकारी और वर्तमान में प्राथमिक शिक्षा,पटना के निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह के प्रयासों का ही यह परिणाम है ।

आईएएस अधिकारी डॉ रणजीत कुमार सिंह सीतामढी के डीएम बनते ही सीतामढ़ी में कई विकास के कार्य किये । उनके निर्देशन और मार्गदर्शन में सीतामढ़ी कई कीर्तिमान स्थापित किया । उनके कार्यकाल में सीतामढी को दर्जनों अवार्ड मिला । अपने नियुक्ति के शुरुआती दिनों में ही डॉ रणजीत कुमार सिंह सीतामढ़ी को नगर निगम बनाने की परिकल्पना रखी थी । उन्होंने तब ही कहा था सीतामढ़ी का नगर निगम बन जाने से शहरीकरण को बहुत तेजी से गति मिलेगी ।
सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद अब सीतामढ़ी बिहार के नक्शे पर नगर निगम के रूप में वजूद में आएगा। इसके साथ ही सीतामढ़ी नगर परिषद और डुमरा नगर पंचायत का वजूद समाप्त हो जाएगा। नगर परिषद और नगर निगम का विलय हो जाएगा। साथ ही आसपास के गांवों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। डीएम डॉ रणजीत कुमार सिंह द्वारा सरकार को जो प्रस्ताव भेजा गया था उसमें सीतामढ़ी नगर परिषद के 28 वार्ड और डुमरा नगर पंचायत के 11 वार्डों के अलावा शहर से सटे खड़का, मधुबन, चकमहिला, इस्लामपुर, चंडीहा, खैरवा, पुनौरा पूर्वी, पुनौरा पश्चिमी, राजोपट्टी, भगवतीपुर, अमघट्टा, तलखापुर, सिमरा, माधोपुर रोशन, मेहसौल पूर्वी, मेहसौल गोट, मेहसौल पश्चिमी, मोहनपुर, बरियारपुर व भवदेपुर आदि 19 गांव भी शामिल हैं।
जो प्रस्ताव भेजे गए थे उसके अनुसार, लगभग कुल 25.62 लाख की आबादी नगर निगम के दायरे में होंगे। तत्कालीन डीएम डॉ. सिंह के अनुसार डुमरा और सीतामढ़ी के वैसे गांव जहां 75 फीसद आबादी गैर कृषि कार्य में लगी है, उन्हें नगर निगम में शामिल किया गया है। नगर निगम के लिए आबादी 2 लाख आवश्यक है। नगर निगम बन जाने से सीतामढ़ी शहर में विकास की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। सरकार के शहरीकरण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी, वहीं विकास को भी रफ्तार मिलेगा।
आज नगर निगम का दर्जा मिलने पर डॉ रणजीत कुमार सिंह काफी हर्ष व्यक्त करते हुए सीतामढ़ी के लोगों को बधाई दी है । फोन पर उन्होंने बताया नगर निगम बन जाने से सीतामढ़ी का भरपूर विकास होगा । अब भविष्य में सीतामढ़ी को ”स्मार्ट शहर” में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है । आज भी डॉ रणजीत कुमार सिंह सीतामढ़ी के प्रति विशेष लगाव रखते हैं ।
ज्ञात हो कि सीतामढ़ी को नगर निगम का दर्जा मिलने से इसके दूरगामी परिणाम होंगे । यहां कुछ बिंदु पर चर्चा आवश्यक है :
1) सीतामढ़ी नगर निगम में एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी की नियुक्ति मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में होगा ।
2) सीतामढ़ी में लगभग 45-50 वार्ड पार्षद होंगे ।
3) सीतामढ़ी नगर निगम में एक मेयर और एक डिप्टी मेयर होंगे ।
4) सीतामढ़ी नगर निगम में लगभग हज़ारों सफाईकर्मी एवम अन्य स्टाफ व कर्मी की नियुक्ति होगी ।
5) सीतामढ़ी नगर निगम में दर्जनों इंजीनियरों की नियुक्ति होगी ।
6) सीतामढ़ी नगर निगम में कई सारे समितियां होंगे । जिसमे एक चेयरमैन और अन्य सदस्य होंगे ।
7) सीतामढ़ी नगर निगम बन जाने से शहर में ड्रेनेज का खास निर्माण होगा । शहर से जल निकासी की सुगम व्यवस्था, पेयजल आदि की व्यवस्था, पानी की पम्पिंग सेट, साफ सफाई आदि की विशेष व्यवस्था होगी ।
8) सीतामढ़ी नगर निगम बन जाने से गरीब और मजदूर के लिए अलग से कई मल्टी स्टोरी आवास बनेंगे ।
9) सीतामढ़ी शहर तेजी से विकास करेगा । आधुनिक सिनेमा हॉल, मॉल, पार्क ,जिम आदि बनेगा ।
10) सबसे बड़ी बात है, सीतामढ़ी का नगर निगम का आकार बहुत बड़ा है । यह मुजफ्फरपुर नगर निगम से बड़ा होगा ।
11) सीतामढ़ी नगर निगम को मिलनेवाला बजट लगभग 100-150 करोड़ का होगा ।
तत्कालीन डीएम डॉ रणजीत कुमार वैसे तो सीतामढ़ी में कई विकास के कार्य किये । किंतु उनके प्रयास से नगर निगम का दर्जा मिलना सचमुच सपने जैसा है । अब सीतामढ़ी विकास के पथ पर अग्रसर होगा । आपको जानकर खुशी होगी डॉ रणजीत कुमार सिंह के प्रयास से ही सीतामढ़ी में एक मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो चुका है । इन कार्यों के लिए सीतामढ़ी वासी डॉ रणजीत कुमार सिंह के प्रति विशेष आभार प्रकट करता है ।
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