
कल तडके रात 9 बजे से तेज हवाएं चल रही थी, आधे घंटे में हवाओं ने आंधी का रूप ले लिया. सीतामढ़ी शहर तो इस तांडव से बच गया मगर शहर के इर्द गिर्द सभी इलाकों में जम कर ओलावृष्टि हुयी. ओलावृष्टि का ये मंज़र हर साल होता है और किसानो की कमर तोड़ देता है. लगभग डेढ़ साल पहले किसानों को ओलावृष्टि की राहत राशि भी मिली थी , मगर पिछले खरीफ में ओलावृष्टि के बावजूद कोई सुध लेने वाला नही था. सीतामढ़ी के आसपास के सभी जिलाओं को ओलावृष्टि से फसल क्षतिपूर्ति की राशि दी गयी थी.

कल रात ओलावृष्टि में रुन्नी सैद्पुर् प्रखंड में जहाँ ओला की माप लगभग 2-३ इंच की थी वहीं कहीं कहीं 6 इंच तक के ओले गीरे.
किसानो के लिए यह रात बहुत ही भयावह था, जहाँ आम के मंजर को इससे भारी नुक्सान हुआ है , साथ ही साथ खेत में लगे फसल जो अब तक कट नही पाए हैं, उनके लिए और भी ज्यादा परेशानी का विषय रहा.
उम्मीद है बिहार सरकार आपदा प्रबंधन विभाग हमारे जिले से बेईमानी ना करे और किसानों को फसल क्षति पूर्ति के लिए विचार करे.