Thursday, March 23, 2023
Google search engine
HomeArticlesपरिहार विधानसभा का संभावित भविष्य।

परिहार विधानसभा का संभावित भविष्य।

पूर्व की विधानसभा सोनवर्षा जो परिसीमिन के वजह से बथनाहा (सूरक्षित) और परिहार (सामान्य) में बाँट दिया गया । सच पूछा जाये तो मुसलमानों की राजनीति बदलने की दिशा में ये भड्सक प्रयास था । मुस्लिम बहुल क्षेत्र जिसके समर्थन पर पूर्व सांसद मजबूत माने जाते थे, सूरक्षित क्षेत्र का अंग बन गया । बथनाहा (सूरक्षित) दिनकर राम के खाते में पिछले 10 वर्षों से है । नीचे दिये गए ग्राफ के माध्यम से परिहार विधानसभा के भविष्य के आंकलन का एक प्रयास किया गया है।

जब तक सोनबरशा विधानसभा रहा , राष्ट्रिय जनता दल की ओर से डॉ राम चन्द्र पुरबे इस सीट पर काबिज रहे । मुस्लिम यादव समीकरण के अलावा उनकी अपनी जाती सुड़ी का एकतरफा समर्थन उनके पक्ष में रहा। सुढ़ी जाती के नजदीक महसूस करने वाली बाकी जातियाँ भी इन्हे समर्थन देते थे । मुस्लिम एकतरफा अनवारुल हक़ के पक्ष में थे । उनकी जगह और भी कोई मजबूत मुस्लिम नेता होता तो इतने ही वोट के आसपास रहता । भाजपा महेंद्र यादव के साथ तीसरे नंबर पर रही क्यूंकी जातिगत समीकरण उनके पक्ष में नही था ।

आठ महीने बाद हुये चुनाव में भी समीकरण में कोई परिवर्तन नही आया । भाजपा ने अपना उम्मीदवार बदला मगर सफलता से कोशों दूर रहे ।

2010 में परिसीमिन के वजह से समीकरण डगमगा गया । साथ ही साथ काँग्रेस और राजद ने अलग चुनाव लड़ के नव सृजित विधानसभा में भाजपा का रास्ता साफ कर दिया ।

2015 में राम नरेश यादव के काम और साथ में राष्ट्रिय स्तर पर मोदी जी के आगमन ने भाजपा को और मजबूत बनाया । सरिता यादव जो महेंद्र यादव की पत्नी हैं , सभी चुनावों में पति पत्नी के इस जोड़े ने अच्छा छाप छोड़ा है। अगर सरिता यादव 2015 चुनाव नही लड़ती तो निश्चित ही राजद की जीत होती ।

2020 का चुनाव परिहार के लिए बहुत ही रोमांचक मोड़ पर पहुँच गया है , आरजेडी ने अपना वर्षों पुराना रिश्ता रामचन्द्र पुरबे से हट के नवोदित रितु जैसवाल से कायम किया है, चर्चित सिंघवाहिनी मुखिया और ढ़ेर सारे पदकों से सुसज्जित नेत्री टिकट नही मिलने के वजह से जेडीयू छोडकर राजद में आई हैं। इन्हे टिकट मिलना आरएजेएडी के छवि में सुधार करने का एक प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है । मगर इतिहास और राजनीति का गहरा संबंध है। सरिता यादव का जेएएपी से आना , सुढ़ी को आरएजेएडी के टिकट से वंचित रखना और पूर्व सांसद अनवरूल हक़ के पुत्र अमजद हुसैन अनवर का रालोसप में आना आरजेडी के लिए खतरा है, क्यूंकी ये सारे वोट आरजेडी के ही खाते से काटेंगे । ऐसी स्तिथी में चुनाव पूर्व गायत्री देवी को अच्छा फ़ायदा हो सकता है। बाकी मतदाताओं का मन टटोलना असंभव है, जीत किसकी होगी यह बात तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

Anand Kumar Upadhyay on श्रमिक स्पेशल
ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव on जिला स्तरीय पोषण मेला कल से शुभारम्भ ।
Navnita Singh on School of my dreams.
Bibhuti Rajput on School of my dreams.
Ramjapu kumar on जिन्दगी
navnita on रिश्ते
Atish Ranjan on एक कप चाय
राम सिंघानियाँ on एक सीतामढ़ी और भी है!
Shrishyam Sharma on “कर्कशा”
रामजपु कुमार एडमिन anhari dham facebook on सीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.
रामजपु कुमार एडमिन anhari dham facebook on सीतामढ़ी का सबसे पुराना मंदिर.
Shrishyam Sharma on बाल मज़दूरी
हृषिकेश कुमार चौधरी on एक सीतामढ़ी और भी है!
Shrishyam Sharma on How was Sitamarhi.org Launched?