जननायक कर्पूरी ठाकुर अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास सीतामढ़ी के प्रांगण में स्वतंत्रता सेनानी सियाराम कानू, एवं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुर्यदेव राय जी के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन विनोद बिहारी मंडल की अध्यक्षता में किया गया ।
इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी सियाराम कानू के परिजन सहित उपस्थित लोगों ने दोनों महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए प्रख्यात चिकित्सक डॉ प्रतिमा आनंद एवं स्वतंत्रा सेनानी के पुत्र प्रकाश चंद्र गुप्ता एवं प्रदीप चंद्र गुप्ता ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सियाराम महतो का जन्म 15 अगस्त 1923 को मोतिहारी जिले के ढाका में हुआ था । 1942 भारत छोड़ो आंदोलन ने सियाराम कानू ने बढ़-चढ़कर भाग लिया । गांधी जी के साथ स्वतंत्र आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया । भारत छोड़ो आंदोलन 1942 ईस्वी में अंग्रेजो के खिलाफ उन्होंने भी करो या मरो नारा को आत्मसात करते हुए अंग्रेज एवं उसके पदाधिकारियों को दंडित करना प्रारंभ किया ।
इस क्रम में ढाका थाना के तत्कालीन दरोगा की हत्या स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा कर दी गई । जिस आरोप में सियाराम कानू को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर हत्या का आरोप लगा । इस आरोप में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई, बाद में उम्र कम होने के कारण उन्हें उम्र कैद की सजा तथा 15 केंत मारने की सजा दी गई ।
भागलपुर रेलवे स्टेशन पर उन्हें हजारों लोगों की भीड़ में अंग्रेजी पुलिस ने 15 केंत की सजा दी । यह सजा इतनी दर्दनाक थी की जहां केंत लगा, वहां का चमड़ा उधेर दिया ।
सियाराम कानू बाजपट्टी के मधरापुर में आजाद हिंद फौज की चल रहे गुप्त ट्रेनिंग सेंटर से गुरिल्ला युद्ध का ट्रेनिंग लिया था । जहां शहीद रामफल मंडल उस कैंप में रहते थे । 1947 में देश आजाद होने के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया ।
सीतामढ़ी में 1993 ईस्वी में सांप्रदायिक दंगे हुए । इस दंगे में सियाराम कानू और उनकी पत्नी हीरामणि गुप्ता ने आताताईयो के सामने खरे होकर दंगा होने से रोका तथा इस अवधि में लोगों को राशन पानी इत्यादि से हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय को मदद पहुंचाया ।
सियाराम कानू की पुत्री उषा कुमारी एवं कुमारी गुप्ता ने अपने पिताजी का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वह हमेशा हिम्मत, हौसला, देते थे । गलत काम का हमेशा विरोध किया करते थे । वह भूगोल के अच्छे जानकार थे । जेल में रहते हुए हैं उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी । वे हमेशा अपनों से बड़ों का सम्मान करने का मंत्र देते थे ।
बिनोद बिहारी मंडल ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री तथा सीतामढ़ी के बथनाहा विधानसभा से पांच बार विधायक रह चुके महान समाजवादी नेता सूर्य देव राय जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, सूर्य देव बाबू हमेशा वंचित, शोषितों एवं कमजोर वर्गों के लिए लड़ाई लड़ते रहे । पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के निजी सचिव थे । उनकी सादगी में ताजगी थिरकती थी । वे सभी का सम्मान करते थे । उनके निधन से समाजवादी विचारधारा के लोगों ने एक अपना अभिभावक खो दिया है ।
वेटरन्स इंडिया के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पूर्व सैनिक अनिल कुमार ने कहा कि जो देश एवं समाज अपने महापुरुषों के इतिहास एवं बलिदान को याद रखता है, वह कभी भी गुलाम नहीं हो सकता है। उन्होंने सियाराम कानू सुखदेव राय जी के अधूरे काम को समाज में आपसी भाईचारा बनाकर बनाए रखना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
श्रद्धांजलि सभा में बिकाऊ महतो, जिलाध्यक्ष जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ सीतामढ़ी, प्रोफेसर योगेन्द्र कुमार मंडल, गणेश गुप्ता राजद नेता, डा प्रतिमा आनंद, प्रदीप चंद्र गुप्ता, प्रकाश चंद्र गुप्ता, चंदा रानी, संगीता गुप्ता, प्रमिला गुप्ता, कृपा गुप्ता, प्रभात गुप्ता, प्रिया कुमारी गुप्ता, आरती देवी, कुमार अगम अभिषेक, धनंजय साहनी, संभू पंडित, दिनेश कापर, पिंटू ठाकुर, गोविंद दास, सरवन पासवान सहित अन्य लोग उपस्थित थे ।
✍️ अमरेन्द्र कुमार