सीतामढ़ी में कहाँ कहाँ घूमे, क्या क्या देखे, कहाँ खाये, कहाँ शॉपिंग करे ।।
आइये, सीतामढ़ी के सम्पूर्ण दर्शनीय और पर्यटकीय स्थलों का एक विस्तृत विश्लेषण रंजीत पूर्बे द्वारा…
Article : Ranjeet Purbey
(1) माँ जानकी मंदिर, पुनौराधाम :
सीतामढ़ी शहर से 2 km दूर पुनौरा में बहुत ही भव्य जानकी मंदिर है । प्राचीन काल में यहाँ पुण्डरीक ऋषि का आश्रम था । मान्यता है कि यहाँ स्थित जानकी कुण्ड में ही माता सीता का जन्म हुआ । यहाँ एक पर्यटन भवन, गायत्री मंदिर, विवाह मंडप, सुन्दर पार्क तथा म्यूजिकल फाउंटेन झरना एवं फव्वारा भी है । पुनौरा सीतामढ़ी का फेवरेट पिकनिक स्पॉट भी है । यहाँ कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है । प्रत्येक वर्ष “सीतामढ़ी महोत्सव” नामक दो दिवसीय भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी पुनौरा धाम में ही होता है ।








(2) रजत द्वार माँ जानकी मंदिर, जानकी स्थान :
सीतामढ़ी शहर के जानकी स्थान स्थित सैकडों वर्ष पुराने इस भव्य मंदिर का मुख्य द्वार चाँदी से निर्मित होने के कारण इसे रजत द्वार मंदिर भी कहते है ।
एक ही बहुमूल्य काले पत्थर से निर्मित माँ सीता और भगवान श्री राम की अदभुत प्रतिमा भक्तो का ध्यान सहज ही अपनी ओर आकर्षित करती है । मंदिर परिसर में में ही निर्मित उर्विजा कुण्ड भी बहुत ही भव्य व सुन्दर है जिसके मध्य में हल चलाते राजा जनक और घड़े से प्रकट होती माँ सीता की प्रतिमा है ।






(3) सिद्धपीठ दक्षिणमुखी श्री हनुमान मंदिर :
सीतामढ़ी शहर के सोनापट्टी, महावीर स्थान,कोट बाज़ार में सिद्धपीठ दक्षिण मुखी संकट मोचन हनुमान मंदिर स्थापित है। मूर्ति की स्थापना 1860 में हुई थी । धार्मिक दृष्टिकोण से मन्दिर का काफी महत्व है। जनश्रुति है कि अयोध्या के एक संत को रात में हनुमान जी ने स्वप्न में दर्शन देते हुए कहा कि सीतामढ़ी के एक संत अयोध्या आये हुए हैं । उनकी मूर्ति को माँ सीता की जन्मभूमि में स्थापित करने के लिए मूर्ति को सीतामढ़ी के संत को दे दो । हनुमान जी के आदेश को मानते हुए अयोध्या के संत ने सीतामढ़ी के महात्मा बलदेव शर्मा को मूर्ति दे दी। श्री शर्मा ने मूर्ति को लाकर सीतामढ़ी में स्थापित किया । मन्दिर की ख्याति दिन प्रतिदिन बढ़ती ही गयी । मान्यता है मंदिर में बैठकर राम नाम जाप, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। मंगलवार और शनिवार को सैकड़ो की संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु दर्शन को मन्दिर में आते हैं ।









(4) बगही मठ :
डुमरा ब्लॉक के रंजितपुर में स्थित बगही धाम एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है । 108 कमरों से युक्त इस मठ में 24 घंटा कीर्तन और सीता-राम नाम जाप होता रहता है ।
Feb’ 2017 में (17-27 फरवरी) यहाँ बहुत ही बड़े स्तर पर भव्य रूप में ”श्री सीताराम नाम जाप महायज्ञ” का आयोजन हुआ ।इस मठ परिसर में ही बाबा धनेश्वरनाथ महादेव का एक सुन्दर और भव्य मंदिर भी है ।यहाँ प्रसिद्ध संत बगही बाबा तपस्वी नारायण दास जी महाराज की समाधी स्थल भी है । उन्ही के जन्म के 100 वर्ष पुरे होने के उपलक्ष्य में फरबरी, Feb 2017 में सीताराम नाम जाप महायज्ञ का आयोजन हुआ । बहुत बड़े स्तर पर भव्य ‘मेला’ भी लगा । बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, कई केंद्रीय मंत्री भी इस यज्ञ के दौरान बगही धाम पधारे थे । बगही मठ के प्रमुख वर्तमान संत श्री सुकदेव दास जी महराज है । इस पुरे आयोजन का ‘लाईव’ प्रसारण टेलीविज़न चैनल और इस ‘सीतामढ़ी फेसबुक पेज’ पर किया गया ।







(5) मानकेश्वर नाथ महादेव मंदिर, मढिया मठ :
सोनबरसा ब्लॉक में भुतही से चार-पांच किमी दूर मढ़िया ग्राम में स्थित यह भव्य शिव मंदिर सीतामढ़ी का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है.
यहाँ भोले बाबा का प्राचीन शिवलिंग आस्था का केंद्र है
मान्यता है यहाँ रविवार को जलाभिषेक करने से भोला बाबा सारी मन्नतें पूरी करते हैं ।
यहाँ प्रत्येक रविवार को एक बहुत बड़ा मेला भी लगता है । उस दिन नेपाल और सीतामढ़ी के अलावे दूसरे जिला से भी भोला बाबा के दर्शन और जल चढाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है ।
प्रत्येक साल श्रावण महिना में नेपाल तथा दूर दूर से लोग काँवर ले के भी आते है । बैगन का भाड़ (भंटा का भाड़) चढाने की भी प्रथा है । मार्च महीना में भी, होली के समय, एक महीना का भव्य मेला लगता है ।
मढ़िया मेला में बिकने वाला फर्नीचर का सामान और तेजपत्ता, गर्मागर्म जलेबी और बालूशाही बहुत प्रसिद्ध है ।
घुरघुरा-हनुमान नगर गाँव और मधेसरा गाँव के नजदीक स्थित मढ़िया गाँव के इस भोले बाबा के मानकेश्वर नाथ मंदिर का दर्शन एक बार जरूर कीजिये ।




(6) देकुली धाम, शिवहर :
वर्तमान शिवहर जिला 1994 में सीतामढ़ी जिला से की कट कर बना है । देकुली धाम शिवहर की पहचान और ऐतिहासिक धरोहर है । यहाँ सत्युगकालीन बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव का अति प्राचीन शिव मंदिर है । इसका वर्णन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey Of India) के प्रतिवेदन में विस्तार से किया गया है 1907 और 1957 ई. के मुजफ्फरपुर जिला गजेटियर में भी देकुली का उल्लेख मिलता है । यहाँ रविवार, सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक और भोले बाबा के दर्शन को आते हैं । श्रावण महीना में और शिवरात्रि के समय तथा अन्य अवसर पर बड़ा मेला भी लगता है । यहाँ आये दिन शादी विवाह, जेनउ, मुंडन जैसे अन्य मांगलिक कार्य भी सम्पन्न होते हैं । देकुली धाम के बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव के दर्शन हेतु शिवहर के अलावा पड़ोसी जिला सीतामढ़ी,मोतिहारी,मुजफ्फरपुर और पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं । एक बार जरूर दर्शन कीजिये शिवहर के देकुली धाम ।




(7) माँ जानकी मंदिर, जनकपुर धाम, नेपाल :
सीतामढ़ी से 50 km दूर नेपाल में स्थित जनकपुर में बहुत ही खूबसूरत जानकी मंदिर है । सीतामढ़ी धाम और जनकपुर धाम में बहुत ही पवित्र और गहरा रिश्ता है । प्राचीन काल में राजा जनक के राज्य मिथिलांचल की राजधानी थी जनकपुर । और तब सीतामढ़ी भी मिथिलांचल राज्य का ही अंग हुआ करता था । माँ सीता का जन्म सीतामढ़ी,बिहार में हुआ और जन्म के पश्चात उन्हें जनकपुर स्थित महल लाया गया । यही महल आगे चलकर नौलखा मंदिर / जानकी मंदिर के नाम से जाना गया ।





(8) पंथपाकड़ :
सीतामढ़ी शहर से करीब 10 किमी उत्तर पूर्व में स्थित पंथपाकड़ गाँव का माँ जानकी जी के प्रसंग से जुड़े होने के कारण व्यापक महत्व है। कहा जाता हैं जब जानकी विवाहित होकर जनकपुर से विदा हुई तो उनकी पालकी/डोली इसी स्थान पर विशाल पाकड़ के पेड़ के छावं में रखी गयी। माँ सीता ने यहां कुछ देर आराम की थी । इसी कारण इस स्थान का नाम पंथपाकड़ पड़ा । उन्होंने इसी पाकड़ के पेड़ से एक छोटी डाली तोड़कर दातुन किया और उसका चीरा पास में ही फेंक दिया जिससे अन्य पाकड़ के पेड़ उग आए। इस स्थान की चर्चा वाल्मीकि रामायण में भी है। विद्वानों की मान्यता है वाल्मीकि रामायण में वर्णित राम परशुराम संवाद भी यहीं हुआ था और यहीं पर परशुराम ने भगवान श्री राम को अयोध्या के लिए रास्ता दिखाया था जिसके कारण यह पंथ पाकड़ कहलाया । जहां सीता की पालकी रखी गयी थी वहीं पर मिट्टी का चबूतरा है जो विशाल पाकड़ के पेड़ के नीचे है । यहाँ पाकड़ के पेड़ों की दो दर्जन शृंखलाएं हैं । इसी परिसर में प्राचीन कुंड ‘सीता कुंड’ और जानकी मन्दिर भी है । यहाँ सालों भर पर्यटक और श्रद्धालु आते रहते हैं ।




(9) श्री श्याम मंदिर :
सीतामढ़ी के खेमका कॉलनी में एक बहुत ही खूबसूरत श्री श्याम बाबा की मंदिर है । मंदिर की स्थापना सन 2000 ई. में कई गयी और प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा 23 मई 2010 को । इस मंदिर की सबसे खास विशेषता है यहाँ रोज 5 वक्त आरती होती है । सुबह 6 बजे मंगला आरती, सुबह 9 बजे श्रृंगार आरती, सुबह 11.30 बजे भोग आरती, शाम 8 बजे संध्या आरती और रात्रि 10 बजे शयन आरती । इस मंदिर में कुछ विशेष कार्यक्रम होते हैं , जैसे :
फाल्गुन उत्सव, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, श्री श्याम बाबा का जन्मोत्सव, और हर वर्ष दिसम्बर माह में मन्दिर कमिटी द्वारा बाहरी सिंगर द्वारा भजन और रात्रि जागरण कार्यक्रम ।
हर महीने शुक्ल पक्ष एकादशी को महिलाओं द्वारा अखण्ड ज्योति पाठ किया जाता है और द्वादशी को सुबह 7 से 12 बजे तक ज्योत जगाई जाती है । इस मंदिर में प्रतिमा का विराजमान स्थल पूर्णतया चाँदी का बना है । इस मंदिर में श्याम बाबा के साथ ही, पूरा शिव परिवार जैसे भगवान शिव,पार्वती जी,गणेश जी आदि एवम हनुमान जी आदि की प्रतिमा भी है । सीतामढ़ी के खेमका कॉलनी स्थित इस श्याम मंदिर का दर्शन एक बार जरूर कीजिये ।






(10) बौधायन सार :
सीतामढ़ी के बाजपट्टी प्रखण्ड के बनगाँव में स्थित है प्रसिद्ध और ऐतिहासिक बोधायन सार मन्दिर ।
संस्कृत व्याकरण के ज्ञाता पाणिनि के गुरु बोधायन यहीं पर कई काव्यों की रचना की थी। परिसर में स्थित प्राचीन तालाब के किनारे हर्षकालीन महर्षि बोधायन की प्रतिमा भी स्थापित है । यहाँ पर संत देवराहा बाबा भी मुख्य शिष्य थे । संत देवराहा बाबा द्वारा स्थापित एक भव्य प्राचीन मंदिर भी है जो आज आस्था का केंद्र है ।




(11) नागेश्वरनाथ मंदिर , पुपरी :
सीतामढ़ी शहर से 25 किमी दूर पुपरी शहर में नेपाल शैली में बना यह अति प्राचीन मंदिर है । यहाँ सैकडों वर्ष पूर्व महादेव स्वयं शिवलिंग के रूप में धरती से उत्पन्न हुए थे । मान्यता है यहाँ जलाभिषेक करने वाले को संतान की प्राप्ति होती है । भोलेनाथ के दर्शन मात्र से कुष्ठ व असाध्य रोग पीड़ित व्यक्ति भी ठीक हो गए हैं ।
यहाँ श्रावण महीना, महाशिवरात्री और वसंत पंचमी के समय श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ती है । प्रत्येक रविवार को मेला का भी आयोजन होता है । पुपरी का यह बाबा नागेश्वर मंदिर आसपास एवं नेपाल के लोगो के लिए आस्था-उपासना का एक बड़ा केंद्र है ।






(12) अन्हारी मठ :
रीगा प्रखंड के अन्हारी गाँव में स्थापित है बाबा अदभूत नाथ महादेव का अदभूत शिवलिंग ।अन्हारी शिवालय को सिद्धि व तप का स्थल माना जाता है। इन्हें भूतनाथ,अदभूत नाथ और अन्हारी महादेव के नाम से जाना जाता है । यहाँ श्रावण महीना,शिवरात्रि और वसंत पंचमी के समय श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ती है ।मान्यता है अन्हारी महादेव पर जलाभिषेक करने से सारी मन्नतें पूरी होती है । कुष्ठ और असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति भी बाबा की कृपा से बिल्कुल ठीक हो गए हैं ।
कहा जाता है अन्हारी मठ के इस अदभूत शिवलिंग की उत्पति आकाश से हुई । शिवलिंग दो टुकड़ों में दो अलग अलग स्थान पर गिरा था । आकाशवाणी के बाद दोनों टुकड़ों को एक जगह रखा गया,तो जुट गए । यहीं से शुरू हुई थी श्रद्धा व भक्ति जो आज तक बरक़रार है । रीगा के अन्हारी धाम गाँव के इस अदभूत महादेव बाबा का दर्शन एक बार जरूर कीजिये ।





(13) दमामी मठ :
बेलसंड के दमामी गाँव मे अति प्राचीन बाबा ईशाननाथ का शिव मंदिर है । दमामी मठ का शिवलिंग के दर्शन हेतु शिवरात्रि,वसंत पंचमी एवम श्रावण महीना के समय भक्तों का हुजूम उमड़ता है । मान्यता है यहाँ दर्शन और जलाभिषेक करने से भोले बाबा सारी मन्नते पूरी करते है । बरसात के समय दमामी मठ का शिवलिंग जलमग्न रहता है । विशेष आकर्षण के रूप में यहाँ एक प्राचीन घण्टा भी है । कहा जाता है यह घण्टी मिथिला नरेश राजा जनक द्वारा 1200 ई. के आस पास स्थापित किया गया था । एक बार बेलसंड के इस सुप्रसिद्ध दमामी मठ जरूर पहुँचे और बाबा ईशाननाथ मंदिर का दर्शन कीजिये । आज दिनांक 27 मई 2017 से यहाँ दस दिवसीय राम नाम महायज्ञ शुरू हो रहा । कलश शोभा यात्रा के बाद धूम धाम से पूजा अर्चना होगी । इस दौरान बच्चों एवम ग्रामीणों के मनोरंजन के लिए बड़े स्तर पर भव्य मेला का भी आयोजन किया जा रहा है ।



(14) हलेश्वर स्थान :
सीतामढ़ी से 5 km दूर बैरिया गिरमिसानी गाँव में राजा जनक ने मिथिला राज्य को भयंकर अकाल से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से शिवलिंग की स्थापना कर हलेष्ठि यज्ञ किया था । इसीलिए यहाँ स्थापित मंदिर को हलेश्वर नाथ महादेव भी कहा जाता है । पुरातन प्रसिद्ध होने के कारण यहॉँ हमेशा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। यहाँ रविवार सहित प्रत्येक वसंत पंचमी,शिवरात्रि एवम श्रावण सोमवारी को विशाल मेला लगता है ।






सीतामढ़ी में ये सभी मुख्य दर्शनीय स्थल है । इनके अलावे भी बहुत कुछ है देखने को । ये रही पूरी लिस्ट :
सीतामढ़ी में कहाँ घूमे, क्या देखे,कहाँ शॉपिंग करें और कहाँ खाये ?? ❤️
(1) दर्शनीय स्थल :
- माँ जानकी मंदिर,पुनौराधाम
- माँ जानकी मंदिर, जानकी स्थान
- जानकी कुंड, पुनौराधाम
- उर्विजा कुंड, जानकी स्थान
- जानकी उदभव प्रतिमा, सीतामढ़ी जंक्शन
- श्री माता वैष्णो देवी मंदिर,टाउन थाना रोड
- सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर,महावीर स्थान,कोट बाजार,सोनापट्टी
- हनुमान मंदिर, बस स्टैंड,डुमरा
- काली मंदिर, शंकर चौक,डुमरा
- माँ जानकी डोली विश्राम स्थल, पंथपाकड़
- हलेश्वर स्थान, गिरमिसानी
- बगही मठ, रंजीतपुर,डुमरा
- दमामी मठ, बेलसंड
- मढ़िया मठ, मढ़िया, सोनबरसा
- अन्हारी मठ,अन्हारी,रीगा
- नागेश्वर मंदिर, पुपरी
- माँ जानकी मंदिर, जनकपुरधाम, नेपाल
- देकुली धाम, शिवहर
- रानी मंदिर, सुरसंड
- अमनेश्वर नाथ महादेव मंदिर, सुरसंड
- बौधायन सार,बाजपट्टी
- गौशाला, सीतामढ़ी
- सुकेश्वर नाथ मंदिर, मेजरगंज
- सभा गाछी, ससौला
- सीता कुंज, नगर उद्यान, सीतामढ़ी (बंद)
- सेनिटेशन टेक्नोलॉजी पार्क, डुमरा (बंद)
- चिल्ड्रन पार्क, डुमरा (बंद)
- पुनौरा पार्क (बंद)
- शिव मंदिर, मनवठेडू, नानपुर
- बाल्मीकेश्वर नाथ मंदिर, सुरसंड
- सूर्य मंदिर, रिंग बांध,सीतामढ़ी
- बाबा ठाकुर मंदिर, परिहार
- साईं मंदिर, डुमरा
- सनातन धर्म पुस्तकालय, सीतामढ़ी
- हनुमान मंदिर, परमानंदपुर, डुमरा
- लक्ष्मणा तट, लखनदेई नदी पुल
- बूढा पोखड़, सुरसंड
- जानकी स्टेडियम, डुमरा
- माँ भगवती स्थल, श्रीखण्डी भिट्ठा, भिट्ठामोड़
- गणिनाथ मंदिर, बाईपास रोड, गौशाला
- काली मंदिर, चंडी धाम, कैलाशपुरी,डुमरा
- शिव मंदिर, विश्वकर्मा नगर, पुनौराधाम
- गायत्री मंदिर, पुनौराधाम
- चीनी मिल, रीगा
- गीता भवन, डुमरा
- चर्च, तलखापुर, डुमरा
- राम जानकी मंदिर, बखरी, परसौनी
- मदरसा,रहमानिया, मेहसौल
- शिव मंदिर,राजोपट्टी
- शहीद द्वार, कारगिल चौक,राजोपट्टी
- मदरसा असरफुल उलूम और रजाउल उलूम, कन्हवां
- मियां साहेब मजार,फतहपुर,सोनबरसा
- गुहरौल शरीफ, बोखड़ा
- वीर कुंवर सिंह चौक, सीतामढ़ी
- गाँधी चौक,सीतामढ़ी
- शिव मंदिर, भवदेपुर चौक, मेला रोड
- पंडौल बुजुर्ग मजार, नानपुर
- मनोकामना मंदिर, टाउन थाना, सीतामढ़ी
- चन्द्रशेखर आजाद टावर, सोनापट्टी,सीतामढी
- लहूरिया शरीफ,परिहार
- जिला अतिथि गृह (सर्किट हाउस, डूमरा)
- समाहरणालय (कलेक्ट्रेट), डुमरा
- सीतामढ़ी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गोंसाईपुर,डुमरा
2) मूवी के लिए :
- आरडी पैलेस सिनेमा हॉल
- शंकर सिनेमा हॉल
- नूतन सिनेमा हॉल
(3) लॉन्ग ड्राइव के लिए :
- एनएच 77 : सोनबरसा : भारत नेपाल बॉर्डर ( वाया भुतही, बालूशाही गाँव)
- रुन्नी सैदपुर टॉल प्लाज़ा (वाया सैदपुर बालूशाही नगर )
(4) शॉपिंग के लिए :
- रिलायंस ट्रेंड शोरूम, शंकर सिनेमा रोड
- कोलकाता बाजार शोरूम, वीर कुंवर सिंह चौक
- एम बाजार शोरूम, शंकर सिनेमा रोड
- वी टू (वैल्यू एंड वेरायटी शोरूम),बड़ी बाजार,डुमरा
- वी मार्ट, डुमरा रोड
- सरावगी फैंसी स्टोर्स, मेन रोड
- सिया कलेक्शन, महन्थ साह चौक
( I Love Sitamarhi टीशर्ट यहीं उपलब्ध है ) - उड़ान मोबाइल, बसुश्री चौक
- शॉपिंग जंक्शन, साहू चौक, डुमरा रोड
(5) खाने पीने के लिए :
- द सेकंड वाइफ फैमिली रेस्टुरेंट, रिंग बांध,मथुरा हाई स्कूल रोड
- मोमो नेशन कैफ़े, आरडी पैलेस केम्पस
- कूल एंड कैफे, मेन रोड
- गणपति केक एंड बेकरी, महावीर स्थान
- कृष्णा स्वीट्स एंड रेस्टुरेंट,लोहापट्टी
- मनपसंद मिठाई घर, डुमरा
- होटल देव एंड रेस्टुरेंट , एनएच 77, बरियारपुर चौक, सीतामढ़ी
- बालूशाही के लिए : भुतही और रुन्नी सैदपुर
(6) स्ट्रीट फूड के लिए :
- एम आरडी स्कूल के पास चाट, गोलगप्पा ठेला
- नूतन बसुश्री के पास का ठेला
- गाँधी चौक पर नगर निगम कार्यालय के बाहर ठेला
- टाउन थाना के पास ठेला
- मेन रोड में कांग्रेस कार्यालय गेट पर गर्म चाय और पकौड़ा
- डुमरा में शंकर चौक पर ठेला
- बसबरिया चौक पर मुरही कचरी का ठेला


















शुभकामनाओं के साथ 💐💐
आपका :
रंजीत पूर्बे | माधव सिंह भारद्वाज
पूरी कोशिश की गई है आपको सम्पूर्ण सीतामढी दर्शन कराने का, फिर भी कुछ छूट गया होगा तो बताइयेगा जरूर कमेंट में ।
त्रुटि के लिए माफी ।
अच्छा लगे तो शेयर जरूर कीजियेगा ।
जैसा भी है, अपना शहर सीतामढ़ी अपने लिए स्वर्ग है ।।
Article : RANJEET PURBEY
http://facebook.com/ranjeetpurbey


डीएम,एसपी को I Love Sitamarhi टीशर्ट सप्रेम भेंट करते रंजीत पूर्बे (सीतामढ़ी पेज की पहल )
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