सीतामढ़ी-शिवहर निवासी और वर्तमान में गोपालगंज के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) मानवेन्द्र मिश्रा द्वारा रचित यह पुस्तक
“गीता पर हाथ रख कर” प्रस्तुत पुस्तक में सघन अनुभूतियों और गहरे भाव-बोध की काल्पनिक कहानियाँ हैं। जिसके केन्द्र में मुख्य रूप से समाज का वह अंतिम व्यक्ति है, जो व्यवस्था के चक्र में फँस कर घूमता रहता है-उसे अपनी नीयति मानकर। कहीं न्याय-शास्त्र की अज्ञानता के कारण तो कहीं उसी शास्त्र के दुरुपयोग के कारण।
तब ऐसी कहानियों में जाहिर है कि रिश्ते – नाते, इश्क़ – मुहब्बत, दोस्त-दुश्मन और न्याय-अन्याय सबके चेहरे सामने आएँगे ही…, अपने उसी खुरदरेपन के साथ। जिसे व्यक्त करना और स्वीकार करना दोनों प्रायः कठिन होता है।
इस पुस्तक के लेखक और मानवीय संवेदनाओं के आधार पर खासकर किशोर के प्रति अपने अनूठे फैसले से चर्चित रहनेवाले, समाज के लिए प्रेरक व्यक्तित्व के धनी सीतामढ़ी-शिवहर निवासी और वर्तमान में गोपालगंज के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) मानवेन्द्र मिश्रा जी को खूब बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं